जय श्री श्याम
कलिकाल के चीर आराध्य देव के चरणांे में समर्पित श्री श्याम परिवार ट्रस्ट पंजाब एक ऐसा संगठन है जो फाल्गुन माह (फाल्गुन मेला) में पदयात्रियों की परम् सेवा-साधना के लिए जाना जाता है ।
विगत् 24 वर्षों से सेवा के उपरान्त 25वें वर्ष में संस्था का प्रवेश हो चुका है संस्था द्वारा जनकल्याणकारी योजनाएँ, व धार्मिक आयोजन एवम् अन्य सभी प्रकार की योजनाएंे, सदस्यों एवं आप सभी बाबा श्याम के प्रेमी भक्तों के सहयोग से ही संभव होती आ रही है।
श्री श्याम परिवार ट्रस्ट पंजाब द्वारा व्यवस्था एवं सेवा का कार्य, कार्यकर्ताओं द्वारा समर्पित भाव से किया जाता है। संस्था परिवार द्वारा इस सेवा रूप में एक कदम और बढ़ाते हुए बाबा श्याम की अनुकम्पा से भण्डारा स्थल को राशि, प्रदान कर ट्रस्ट की सम्पदा बनाने हेतु एक नया कदम प्रस्तावित है।
जैसा कि धर्म में अर्थ के प्रवेश को ही सम्पूर्ण धर्मार्थ कहा जाता है इस विषय को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित भण्डारा स्थल को आपके सहयोग के बिना पूर्ण करना असंभव है।
श्री श्याम परिवार ट्रस्ट पंजाब का अब तक का ये महत्वपूर्ण महायज्ञ है। जिसमें बाबा श्याम ने हमें केवल माध्यम बनाया है। लेकिन ऐसे पावन पूण्य कार्य में आहुति आपने अपनी स्वप्रेरणा से देनी है।
श्री श्याम परिवार ट्रस्ट पंजाब ही फाल्गुन मेले के दौरान लगने वाले समस्त भण्डारों में एक मात्र ही ऐसी संस्था है जो अव्यवसायिक एवं अवैतनिक कार्यकर्ताओं के सहयोग सेे, उद्देश्यों को लेकर संचालित है । अतः निवेदन है आपके द्वारा किया गया सहयोग उस अंकुरित होने वाले बीज में जल की धार प्रवाहित करने जैसा होगा, जिससे संस्था, एक विराट वृक्ष का रूप धारण कर सके।
प्रेमियों, संस्था इस संकल्प को लेकर वचनवद्व है कि आपके द्वारा भक्ति-भाव-प्रेरणा से दिया गया सहयोग शत प्रतिशत पुण्य कार्यों में ही समर्पित होगा।
धन्यवाद !
श्री श्याम बाबा की असीम कृपा से हर साल की तरह इस बार भी 25वां विशाल भंडारा दिनांक 12
मार्च से 21 मार्च 2024 तक खाटू श्याम जी रींगस रोड (रींगस से 4 किलोमीटर दूरी पर) लगाया जा रहा है। श्री श्याम परिवार ट्रस्ट पंजाब के भंडारा पर जाने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें
https://goo.gl/maps/yKvmWvHUFJ7MCAhN7
कपूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम। सदाबसन्तं हृदयार वन्दे, भवंभवानी सहितं नमामि।।
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे। खाटूधाम विराजत, अनुपम रूप धरे।। ॐ जय ....
रतन जडि़त सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे। तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े।। ॐ जय ....
गल पुष्पों की माला, सिर पर मुकुट धरे। खेवत धूप अगिन पर, दीपक ज्योति जले।। ॐ जय ....
मोदक खीर, चूरमा, सुवरण थाल भरे। सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करें।। ॐ जय ....
झांझ कटोरा और घडि़याल, शंख मृदंग धुरे। भक्त आरती गावें, जय जयकार करें।। ॐ जय ....
जो ध्यावे फल पावे, सब दुख से उबरे। सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे।। ॐ जय ....
श्री श्याम बिहारी जी की आरती जो कोर्इ नर गावे। कहत आलू सिंह स्वामी, मनवांछित फल पावे।। ॐ जय ....
जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे। निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे।। ॐ जय ....